कोल इंडिया में अधिकारियों व कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए प्रबंधन प्रयास कर रहा है. ये मामला कोर्ट में है। इसके बारे में अभी भी अनिश्चितता है। कोल इंडिया ने इस विवाद को हल करने के लिए कर्मचारियों से मदद मांगी, इसके लिए A-1 पद को समाप्त करने का भी प्रस्ताव है। इस विषय पर अभी तक श्रमिक संगठनों ने कोई निर्णय नहीं लिया है। श्रमिक संघों ने वादा किया है कि वे इस मुद्दे पर पहले अपने संगठनों में चर्चा करेंगे। कार्यकर्ताओं की भावना जानने के बाद बात कर सकेंगे।

कोल इंडिया में A-1 रैंक वाले कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों के एंट्री रैंक (E-1) से अधिक है। सार्वजनिक उद्यम विभाग (DPE) के निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होना चाहिए। E-1 का शुरुआती वेतन ४० हजार रुपये: कोल इंडिया में अधिकारियों की E-1 रैंक पर बहाली होती है। इस दौरान उनके पास ४० हजार रुपये की बेसिक राशि है। उन्हें एक साल की ट्रेनिंग के बाद E-2 रैंक मिलता है। इस दौरान उनका मूल्य 50 हजार हो जाता है। उन्हें महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं इस रकम पर मिलती हैं। जबकि A-1 रैंक के कर्मचारियों का वेतन 71 हजार रुपये है। A-1 रैंक वाले कर्मचारियों का प्रमोशन अंतिम स्टेज है। यह पद केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए आरक्षित है। इसलिए कर्मचारी कहते हैं कि 30 से 35 वर्ष की सेवा के बाद हमें यह पद मिलता है। इसलिए E-1 और A-1 की रैंक की तुलना गलत है।
2026 में फिर होगा वेतन समझौता, अधिकारियों का 2027 में
2026 में कोयला कर्मचारियों का बारहवीं वेतन समझौता भी बकाया हो जाएगा। वेतन फिर से वृद्धि होगी। इससे अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच की दूरी बहुत बढ़ जाएगी। कोयला उद्योग में पांच साल का वेतन समझौता होता है। वहीं, 2027 में अधिकारियों का वेतन समझौता होगा।2017 में अधिकारियों का अंतिम वेतन समझौता हुआ था। अधिकारियों का वेतन समझौता दस वर्ष का है।
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